हिमालय में प्रसारित प्रथम मुद्रायें हैं कुणिंद सिक्के

अल्मोड़ा का राजकीय संग्रहालय अपनी महत्वपूर्ण ऐतिहासिक धरोहरों के कारण इतिहासविदों, मुद्रा शास्त्रियों एवं पर्यटकों का आकर्षण बना हुआ है। यहां प्रदर्शित दुर्लभ कुणिन्द मुद्रायें केवल अल्मोड़ा, शिमला (हिंमाचल प्रदेश) तथा ब्रिटिश म्यूजियम में ही हैं। प्रारम्भ में कुणिन्दों की मुद्रायें केवल अल्मोड़ा...

रामकृष्ण कुटीर अल्मोड़ा

रामकृष्ण कुटीर अल्मोड़ा रामकृष्ण परमहंस परम्परा के सन्यासियों के लिए स्थापित आध्यात्मिकरिट्रीट सेंटर है। रामकृष्ण मठ तथा रामकृष्ण मिशन बेलूर मठ कोलकाता द्वारा संचालित यहकेन्द्र अब एक सौ वर्ष से भी अधिक प्राचीन हो चुका है। रीना हिमांशु साह अल्मोड़ा नगर के दक्षिण छोर पर ब्राइट एंड कार्नर में निर्मित...

सिद्ध शिवालय है अल्मोड़ा का बेतालेश्वर मन्दिर

बेतालेश्वर के नाम से प्रसिद्ध उत्तराखंड का सिद्ध बेतालनाथ शिव मंदिर अल्मोड़ा नगर के बेस चिकित्सालय से विकास भवन की ओर जाने वाले सड़क मार्ग पर नगर से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस सड़क मार्ग से मंदिर की पैदल दूरी 250 मीटर है। मंदिर की विभिन्न दिशाओं में भनार गूंठ, रखोली, बाड़ी...

बाबा नीब करौरी की लीला स्थली है कैंची धाम

हल्द्वानी से अल्मोड़ा की ओर मोटर मार्ग पर भवाली से थोड़ी ही दूरी पर इठलाती बलखाती एक छोटी सी नदी नैनीताल एवं अल्मोड़ा जनपदों की सीमा रेखा को खींचती हुई बहती है। इस नदी को बाबा नीम करोली ने उत्तर वाहिनी नाम दिया। उत्तर वाहिनी के तट पर भवाली से सात किमी आगे अल्मोड़ा की ओर मोड़ घूमते ही सिन्दूरी...

शुभता और मांगल्य की प्रतीक है कुमाउनी नथ

उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों में महिलाओं की मांगलिक परिधान एवं आभूषणों को लेकर यदि पहली पसंद पूंछी जाये तो उनका उत्तर होगा- पिछौड़ा एवं नथ। नथ ग्रामीण हो या शहरी सभी महिलाओं की सर्वप्रिय मांगलिक आभूषण है। शायद ही कोई अवसर ऐसा होगा जब परिवार में उत्सव हो, संस्कार हो, अनुष्ठान सम्पन्न किया जाने वाला...

अल्मोड़ा नगर के रक्षक हैं अष्ट भैरव

उत्तराखंड में सर्वहारा वर्ग के सर्वप्रिय यदि किसी देवता का उल्लेख करना हो तो निश्चित ही वह देवता हैं-भैरव। पर्वतीय समाज में उन्हें लौकिक देवता का स्थान मिला हुआ है। उनके छोटे- छोटे मंदिर निर्जन वनों से लेकर गांव- समाज के आसपास की बसासत तक सभी जगह मिलते हैं। शिव रूप भैरव को ना केवल उग्र देवता के रूप...

स्वामी विवेकानंद और महान वैज्ञानिक रोनाल्ड रास की यादों से जुड़ा है थाॅमसन हाउस

स्वामी विवेकानंद की अल्मोड़ा यात्राओं का यदि सन्दर्भ लिया जाये तो थाॅमसन हाउस का उल्लेख होना स्वाभाविक है। हिमालय यात्रा के दौरान अल्मोड़ा से स्वामी विवेकानंद की अनेक यादें जुड़ी हुई हैं। वह वर्ष 1898 में कई दिनों तक अल्मोड़ा के ऐतिहासिक थाॅमसन हाउस में ठहरे थे। थाॅमसन हाउस अल्मोड़ा नगर से...

अल्मोड़ा के मल्ला महल का समृद्ध इतिहास है

अल्मोड़ा की बसासत के दूसरे चरण के अन्तर्गत राजा रूद्रचंद के कार्यकाल 1588-89 में एक नये अष्ट पहल राजनिवास का निर्माण नगर के मध्य में करवाया गया था जो मल्ला महल कहलाता है। इस महल के संरचनागत निर्माण से लगता है कि देवी मंदिर तथा भैरव मंदिर ही प्रारम्भ में बनाये गये थे तथा पानी के संग्रहण के लिए...

जो नरजीवे खेले फाग

पहाड़ की होलियों का सामाजिक व सांस्कृतिक परिदृश्य कई मायनों में देश के अन्य प्रान्तों व इलाकों से अलग दिखायी देता है। दरअसल पहाड़ में होने वाली होलियां स्थानीय प्रकृति समाज के साथ बहुत गहराई के साथ जुड़ी हुई हैं। यहां...

शिखरों के लोक में बसन्त

भारतीय संस्कृति में नदी, पहाड़, पेड़-पौंधे पशु-पक्षी, लता व फल-फूलों के साथ मानव का साहचर्य और उनके प्रति संवेदनशीलता का भाव हमेशा से रहा है। प्रकृति और मानव के इस अलौकिक सम्बन्ध को स्थानीय लोक ने समय-समय पर गीत, संगीत...

ऐतिहासिक है अल्मोड़ा का शै भैरव मंदिर

शिव रूप भैरव रक्षक देवता हैं। भारत वर्ष के अनेक किलों में उनकी स्थापना गढ़ के रक्षक के रूप में की गई है। अल्मोड़ा नगर में भी रक्षक देवता के रूप में उनकी स्थापना नगर के प्रमुख स्थानों में अष्ट भैरव रूप में की गई थी।...

उत्तराखंड के पुरातत्व की गौरव गाथा

मनीषियों द्वारा प्रतिपादित हिमालय के पांच भागों नेपाल, कूर्मांचल, केदार, जलंधर तथा कश्मीर में से दो केदार तथा कूर्मांचल को मिलाकर ही वर्तमान का उत्तरांचल राज्य बना है। पी0 बैरन ने वांडरिंग्स इन द हिमाल में इस पर्वतीय...

शिल्प में पार्वती

कुमाउ मंडल से प्राप्त शाक्त प्रतिमाओं में देवी पार्वती की सर्वाधिक प्रतिमायें प्राप्त होती हैं ।बाल्यावस्था में इनका नाम गौरी था जब ये विवाह योग्य हुईं तो इन्होंने शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिये घोर तपस्या की।...

कुमाऊँ की सूर्य प्रतिमाएं

आकाश में दिखाई देने वाले ज्योति पिंड के रूप में सूर्य की उपासना का क्रम वैदिक काल से चला आ रहा है । सूर्य और उसके विविध रूपों की पूजा उत्तर वैदिक काल से पल्लवित होती रही है। वेदोत्तर काल से इसका और भी विस्तार हुआ ।...

शिल्प में महिषासुरमर्दिनी

 प्राचीन भारतीय वाङमय में शक्ति उपासना की परम्परा सम्भवतः देवी शक्ति से सामर्थ ग्रहण करने के उद्देश्य से ही की जाती होगी । साहित्यिक स्त्रोतों एवं पुरातात्विक उत्खननके आधार पर शक्ति उपासना की परम्परा व विकास का...

नेहरू जी के प्रवास का प्रतीक है अल्मोड़ा का जिला कारागार

अल्मोड़ा जिला कारागार का अद्भुत इतिहास है। यहाँ गोविंद वल्लभ पंत, जवाहर लाल नेहरु, खान अब्दुल गफ्फार खान,आचार्य नरेन्द्रदेव, बद्रीदत्त पांडे,विक्टर मोहन जोशी आदि महान क्रांतिकारियों ने अपने कारावास की अवधि व्यतीत की है।...

सिद्ध शिवालय है अल्मोड़ा का बेतालेश्वर मन्दिर

बेतालेश्वर के नाम से प्रसिद्ध उत्तराखंड का सिद्ध बेतालनाथ शिव मंदिर अल्मोड़ा नगर के बेस चिकित्सालय से विकास भवन की ओर जाने वाले सड़क मार्ग पर नगर से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस सड़क मार्ग से मंदिर की पैदल...

error: Content is protected !!